विज्ञापन का हमारे जीवन पर प्रभाव पर निबंध | Vigyapan Ka Humare Jivan Par Parbhao Nibandh
विज्ञापन का हमारे जीवन पर प्रभाव पर निबंध |Vigyapan Ka Humare Jivan Par Parbhao Nibandh | Vigyapan Ka Humare Jivan Par Parbhao Essay in Hindi | विज्ञापन का हमारे जीवन पर प्रभाव पर निबंध | Vigyapan Ka Humare Jivan Par Parbhao Hindi Essay | Vigyapan Ka Humare Jivan Par Parbhao Nibandh
भूमिका
आज का युग विज्ञापन का युग है । विज्ञापन के बल पर ही उत्पादक अपने उत्पादों की सूचना जन-जन तक पहुँचाता है। विज्ञापनों के द्वारा ही अनेक प्रकार की सूचनाएँ दी जाती हैं । विज्ञापनों द्वारा ही आज के युग का अधिकांश व्यापार चलता है। सुबह से शाम तक रेडियो, दूरदर्शन, समाचार-पत्रों, पत्र-पत्रिकाओं आदि में अनेक प्रकार के विज्ञापन दिए जाते हैं, जिनका दर्शकों और पाठकों पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है । केवल समाचार पत्रों में तथा दूरदर्शन आदि पर दिखाए जाने वाले विज्ञापन ही हमें आकर्षित नहीं करते, अपितु सड़कों के किनारे लगे विज्ञापनों के बड़े-बड़े बोर्ड भी हमें प्रभावित करते हैं।
विज्ञापनों का आकर्षण
विज्ञापनों का मानव-मनोविज्ञान से गहरा संबंध होता है। बुद्धिमान विज्ञापनदाता जानते हैं कि किस वस्तु को लोकप्रिय बनाने के लिए किस प्रकार का विज्ञापन दिया जाए। अभिनेता-अभिनेत्रियों या किसी प्रसिद्ध व्यक्ति या खिलाड़ी द्वारा वस्तु का प्रदर्शन प्रभावपूर्ण ढंग से किया जाता है। उनकी वाक्यावली इतनी आकर्षक होती है कि व्यक्ति उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाता। कभी-कभी वस्तु के गुणों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है; जैसे-सेरिडोन के विज्ञापन में गोली खाते ही सिर दर्द का गायब होना, विको वज्रदंती के प्रयोग से बुढ़ापे में भी दाँतों से अखरोट तोड़ने का प्रदर्शन, न्यूट्रोमल, माल्टोवा, बॉर्नबीटा जैसे पदार्थों के विज्ञापन में इनका प्रयोग करने पर शक्ति में वृद्धि का प्रदर्शन-बढ़ा-चढ़ाकर ही किया जाता है। मगर विज्ञापन का संसार है ही इतना लुभावना कि लोग इसके चक्कर में फँस जाते हैं और इन वस्तुओं को खरीदते हैं।
विज्ञापनों का उद्देश्य
आज के युग में विज्ञापन एक कला ही नहीं एक आवश्यकता भी है। व्यापारिक क्षेत्र में दो वर्ग प्रमुख होते हैं-उत्पादक और उपभोक्ता। विज्ञापन इन दोनों के बीच कड़ी का काम करते हैं। विज्ञापन के बिना उपभोक्ता को कैसे पता चलेगा कि बाजार में कौनकौन-सी नई वस्तुएँ उपलब्ध हैं तथा उनकी क्या-क्या विशेषताएँ हैं। नवीन उत्पादों की विशेषताओं का परिचय उनके विज्ञापनों द्वारा मिलता है। किसी वस्तु या उत्पादक का विज्ञापन जितना आकर्षक होगा, बाजार में उसकी माँग उतनी ही अधिक बढ़ेगी। कैडबरीज़ चॉकलेट, कोलगेट, पेप्सोडेंट, टूथपेस्ट, खाद्य तेल, केश तेल, अनेक शैंपू, डाबर च्यवनप्राश, गार्डन साड़ियाँ, विमल सूटिंग, टुडेज़ पेन, ब्लेड, शेविंग क्रीम, डिओड्रेट आदि अनेक वस्तुओं की लोकप्रियता के पीछे उनके बारे में दिए गए आकर्षक विज्ञापनों का ही हाथ है। विज्ञापन के बिना कोई भी व्यापार, आयोजन आदि एक कदम भी नहीं चल सकता।
विज्ञापनकर्ताओं का कर्तव्य
जब बाजार में एक जैसी अनेक वस्तुएँ होती हैं, तो उनकी माँग को बढ़ाने का एकमात्र उपाय है-विज्ञापन । जिस वस्तु का विज्ञापन जितना लुभाने वाला तथा आकर्षक होगा, वह बाजी मार ले जाएगा। अत: वर्तमान युग में विज्ञापनों का प्रयोग व्यापार को बढ़ाने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
माना कि विज्ञापनों का प्रयोग व्यापार को बढ़ाने के लिए अत्यंत आवश्यक है, परंतु सरकार को ऐसे विज्ञापनों पर पाबंदी लगानी चाहिए जो जन-साधारण को भ्रमित करनेवाले, भद्दे तथा सच्चाई से परे हों। विज्ञापनकर्ताओं को भी चाहिए कि उपभोक्ताओं के हितों का ध्यान रखें और उनके साथ न्याय करें।