Sunday, May 21, 2023
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विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध | Essay On Science Boon Or Curse In Hindi

विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध | Essay On Science Boon Or Curse In Hindi

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विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध | Essay On Science Boon Or Curse In Hindi

आज का युग विज्ञान का युग है। विज्ञान ने आज मनुष्य को उन्नति के चरम शिखर पर ले जाकर खड़ा कर दिया है। तरह-तरह की आधुनिक वैज्ञानिक खोजों ने मनुष्य के जीवन में एक नई क्रांति ला दी है। आज मानव ने विज्ञान के बल पर प्रकृति को भी अपनी दासी बना लिया है।

मनुष्य ने विज्ञान की सहायता से नदियों को बाँधकर नहरें निकाल दी हैं, बड़े-बड़े पर्वतों का सीना चीरकर सुरंगें बना दी हैं। समुद्र के सीने से आज का सबसे आवश्यक तत्व ‘पेट्रोलियम’ निकाल लेना मानव की एक बड़ी उपलब्धि है।

मानव की सुविधा के लिए रेल, मोटर, वायुयान, जलयान, बड़े-बड़े भवन सभी सुविधाएँ बड़े-बड़े इंजीनियर्स ही की तो देन हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में नई-नई औषधियों की खोज, नई-नई तरह की मशीनों का ऑपरेशनों में प्रयोग आज मानव जीवन के लिए वरदान बनकर सामने आया है। लेजर-तकनीक से इलाज ने तो आज सचमुच चमत्कृत ही कर दिया है। विज्ञान की आज की सबसे बड़ी देन तो कंप्यूटर है। कंप्यूटराइज्ड रोबोटों की मदद से आज ऐसे-ऐसे कार्य होने लगे हैं, जिनको मानव शायद ही कभी कर पाता। आज मनुष्य ने चंद्रमा ही नहीं सौरमंडल के दूसरे ग्रहों की भी खोज करना आरंभ कर दिया है।

चाहे चिकित्सा का क्षेत्र हो या इंजीनियरिंग का, भौतिक विज्ञान की बात हो या रसायन विज्ञान की, विज्ञान ने सभी क्षेत्रों में अपना प्रभुत्व स्थापित कर दिखाया है। विज्ञान ने मनुष्य को क्या क्या नहीं दिया? आज बटन दबाते ही सारे सुख साधन उपलब्ध हो जाते हैं। सारी मानव-जाति को एक-दूसरे के निकट लाने में विज्ञान का अदभुत योगदान है। शिक्षा के क्षेत्र में तो कंप्यूटर एक वरदान बनकर ही सामने आया है। जल, थल, आकाश कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहाँ मनुष्य की पहुँच न हुई हो। कंप्यूटर प्रत्येक क्षेत्र में मनुष्य का हितैषी बनकर सामने आया है।

विद्युत का उत्पादन भी इस युग की सबसे बड़ी देन है। संसार में विद्युत ने प्रकाश ही नहीं दिया है बल्कि कृत्रिम अग्नि, वाय, जल सभी को उत्पन्न करने में अद्भुत योगदान दिया है। बिजली का आविष्कार ही वास्तव में अन्य आविष्कारों की जननी है। कंप्यूटर, फैक्स, मोबाइल फ़ोन, सैटेलाइट संचार व्यवस्था आज इतनी सामान्य हो गई है कि हमें सारे विश्व की सूचनाएँ एक ही क्षण में उपलब्ध हो जाती हैं। सारी मानव-जाति को एक-दूसरे के निकट लाने में विज्ञान का अद्भुत योगदान है। कृषि के क्षेत्र में नई नई तकनीकों, रसायनों की खोज ने उपज को चौगुना कर दिया है। जहाँ विज्ञान ने मानव को इतने वरदान दिए हैं, वहीं अनेक समस्याएँ भी खड़ी कर दी हैं। विज्ञान ने मनुष्य को विनाश के साधन भी उपलब्ध करा दिए हैं। युद्ध के विनाशकारी उपकरण टैंक, बमवर्षक विमान, फ़ाइटर-विमान, अणु-बम, विषैली गैसों तथा प्रदूषण के कारण पर्यावरण को खतरा भी विज्ञान की ही देन है।

यदि मनुष्य वैज्ञानिक उपलब्धियों का दुरुपयोग करता है तो विनाश होगा ही। सदुपयोग या दुरुपयोग का संबंध विज्ञान से नहीं उसके उपयोगकर्ताओं पर निर्भर है। विज्ञान पर दोष लगाना तो सचमुच मूर्खता ही है। विज्ञान स्वयं में विनाशकारी नहीं है बल्कि वह तो आज की मानव संस्कृति के लिए वरदान बनकर ही सामने आया है।

विष्णु सरीखा पालक है, शंकर जैसा संहारक।
पूजा उसकी शुद्ध भाव से करो आज से आराधक।

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