मित्रता पर निबंध हिंदी में | Essay On Friendship In Hindi
मित्रता पर निबंध | Friendship par nibandh | Friendship par nibandh in Hindi | मित्रता पर निबंध | Friendship par Hindi Essay | Essay on Friendship in Hindi
सच्ची मित्रता-अनमोल धन
मित्रता अनमोल धन है। इसकी तुलना किसी से भी नहीं की जा सकती। हीरे-मोती या सोने चाँदी से भी नहीं। सच्ची मित्रता में किसी भी कारण चाहे वह सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक ही क्यों न हो, व्यवधान नहीं आ सकता। बाइबल में कहा गया है कि एक सच्चा मित्र विश्व की सर्वश्रेष्ठ दवा है। सच्ची मित्रता को दिखाने वाले अनेक प्रेरक-प्रसंग मिलते हैं। कृष्ण और सुदामा, अर्जुन और कृष्ण, विभीषण और सुग्रीव की राम से मित्रता-ये मित्रता के अनोखे उदाहरण हैं।
सच्चे मित्र के गुण महत्व
मैत्री की महिमा बहुत बड़ी है। सच्चा मित्र सुख और दुख में समान भाव से मैत्री निभाता है। जो केवल सुख में साथ होता है, उसे सच्चा मित्र नहीं कहा जा सकता। सच्चा मित्र जीवन की कड़ी धूप में शीतल छांव की भाँति होता है। वह आवश्यकता पड़ने पर अपने मित्र का सही मार्गदर्शन करता है। वास्तव में मित्रता किसी भी प्रकार के छल-कपट से परे होती है तथा हृदय की पवित्रता व अपने मित्र की शुभेच्छा की कामना ही मित्रता का आधार स्तंभ है।
सच्ची मित्रता की पहचान
सच्ची मित्रता की बस एक पहचान है और वह है विचारों की एकता। सच्चे मित्रों के बीच विचारों की एकता का वह गुण पाया जाता है, जो मैत्री को दिनोंदिन प्रगाढ़ करता रहता है। सच्चा मित्र बड़ा महत्त्वपूर्ण होता है। जहाँ थाह न लगे, वहीं बाँह बढ़ाकर उबार लेता है। भले ही मित्रता का आधुनिक रूप अधिक विकृत हो चुका है, किंतु फिर भी सहृदयों ने मित्रता की इस प्राचीन रीति को सहेज कर रखा है। वे मित्र जो केवल काम निकालना जानते हैं, जो केवल सुख के साथी हैं और जो ठीक वक्त पर बहाना बनाकर किनारे हो जाते हैं। वे मित्रता को कलंकित करते हैं। एक नीति श्लोक में कहा गया है-“राजद्वार से लेकर श्मशान तक और परम दुख से लेकर चरम सुख तक जो साथ दे, वही सच्चा मित्र है।”
मित्रता जीवन का सर्वश्रेष्ठ अनुभव है। यह एक ऐसा मोती है, जिसे गहरे सागर में डूबकर ही पाया जा सकता है। मित्रता की कीमत केवल मित्रता ही है। इसका मूल्य रुपये-पैसे से नहीं चुकाया जा सकता।
सच्ची मित्रता – जीवन का वरदान
सच्ची मित्रता जीवन का वरदान है। सच्चा मित्र दुर्लभ होता है, लेकिन जब यह मिल जाता है, तब अपने मित्र के सारे कार्यों को सुलभ बना देता है। सच्चा मित्र मनुष्य की सोई किस्मत को जगा सकता है और भूले-भटके को सही राह दिखा सकता है। मित्रता करना भी एक कला है। इसके लिए चेहरे पर मुस्कान, बातों में मधुरता व हृदय से सरल होना चाहिए। सच्ची मित्रता में अमीर-गरीब, छोटाबड़ा आदि स्तरीय बातों का कोई स्थान नहीं होता।